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कविता

आदर्श लोक (यूटोपिया)

मारिया विस्लावा एना सिंबोंर्स्का

अनुवाद - पूजा तिवारी


 

मारिया विस्लावा एना सिंबोंर्स्का पोलिस कवयित्री, अनुवादक और निबंधकार थीं। 1996 में उन्हें साहित्य का 'नोबल पुरस्कार' दिया गया था। उनकी कुछ कविताओं का अनुवाद प्रस्तुत हैं-

'यूटोपिया' कविता का अनुवाद :

आदर्श लोक (यूटोपिया)

द्वीप जहाँ सब कुछ स्पष्ट है

तुम्हारे पैरों के नीचे सख्त ज़मीन।

वे अकेली सड़कें जो तुम्हे मंजिल तक पहुँचने की राह दिखाती हैं

शहादत के अनंत प्रमाणों के भार से नीचे झुकी झाड़ियाँ।

लंबे समय से सुलझी हुई शाखाओं के साथ वास्तविक से लगने वाले

अनुमानों के वृक्ष यहाँ उग आए हैं।

समझदारी के वृक्ष, जो आश्चर्यजनक रूप से सीधे और साधारण दिखते हैं,

बसंत के पुकारने पर उग आते हैं

उनको अब मैं पहचानती हूँ।

घना जंगल वृहद् परिदृश्य, स्पष्टता की घाटी।

यदि कहीं कोई संदेह पनपता है,

हवा तत्काल उन्हें तितर-बितर कर देती है।

प्रतिध्वनियों के विप्लव को बुला भेजती है

और उत्सुकता से समस्त जगत के रहस्य को खोलती है।

दाहिने तरफ एक गुफा है जहाँ प्रयोजन रहता है।

बाईं तरफ गहरी आस्था की झील है।

सत्य, तली से निकलकर छिछले भाग की ओर हिचकोले खाता हुआ बढ़ता है।

विश्वास का बुर्ज, घाटी के ऊपर तक पहुँच गया है।

इसकी चोटी वस्तुओं के मर्म की उत्कृष्ट झलक दिखलाती है ।

अपने समस्त सौंदर्य के बावजूद, द्वीप निर्जन है,

और इसके तटों पर धुंधले पदचिह्न बिखरे हुए हैं

ये सभी बिना किसी अपवाद के समुद्र की ओर जाते हुए दिखाई पड़ते हैं।

ऐसा लगता है इस स्थान को छोड़कर जाने और समुद्र की गहराइयों में डूब जाने के अतिरिक्त

कोई कुछ नहीं कर सका

इन गहराइयों में, इस अपरिमेय जीवन में

कभी न लौटकर आने के लिए जाना ही उनकी नियति बन गई।


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